मोदी सरकार ऐतहासिक कदम , 5 लाख तक की सालाना आय पूरी तरह टैक्स फ्री

टैक्स सलाहकार फर्म बीडीओ इंडिया के पार्टनर सूरज मलिक कहते हैं कि पिछले चार साल के बजट में सरकार ने छोटो उद्योगों को टैक्स में राहत देने के कदम उठाए ताकि लोगों को रोजगार मिल सके. चुनावी साल होने की वजह से इस बार के बजट में मोदी सरकार छोटे करदाताओं को राहत दे सकती है. टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख 3.5 लाख रुपये की जा सकती है.
80C के तहत छूट बढ़कर हो 3 लाख रुपये
उद्योग संस्था सीआईआई (CII) ने मोदी सरकार से कहा है कि आगामी बजट (Budget) में आयकर (Income Tax) की छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाए और साथ ही सेक्शन 80C के तहत बचत पर मिलने वाली छूट की सीमा को भी 2.5 लाख रुपये किया जाए, ताकि देश में बचत को बढ़ावा मिले. मोदी सरकार अपने वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट एक फरवरी को पेश करेगी. धारा 80C के तहत अभी 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने व्यक्तिगत इनकम टैक्सपेयर्स को विनिर्दिष्ट निवेश योजनाओं में निवेश पर धारा 80C के तहत मिलने वाली छूट को बढ़ा कर 3 लाख रुपए करने की भी सिफारिश की है. फिक्की का कहना है कि इससे व्यक्तिगत बचत को प्रोत्साहन मिलेगा. अगर सरकार फिक्की की सिफारिश को मानती है तो छूट का दायरा भी बढ़ सकता है.
अभी ये है इनकम टैक्स स्लैब
इस समय 2.5 लाख तक आय व्यक्तिगत इनकम टैक्स (personal income tax) से पूरी तरह मुक्त है. इसके बाद 2.5 लाख से पांच लाख तक आय वालों को 5 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है. 5-10 लाख तक आय वालों से सरकार 20 प्रतिशत इनकम टैक्स लेती है, जबकि 10 लाख से अधिक आय पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स देना पड़ता है.
उद्योग संस्था ने की ये सिफारिश
उद्योग संस्था ने सुझाव दिया है कि 5 लाख से कम आय वालों को पूरी तरह आयकर से मुक्त कर देना चाहिए, जबकि 5-10 लाख आय पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लेना चाहिए. जिन लोगों की आमदनी 10-20 लाख रुपये के बीच है, उनसे 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लिया जाए और 20 लाख रुपये से अधिक की आमदनी पर 25 प्रतिशत टैक्स लिया जाना चाहिए.